पीएमईएसी ने वित्तवर्ष 2012-13 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने वित्तवर्ष 2012-13 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया. विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया. पीएमईएसी के अध्यक्ष सी रंगराजन के अनुसार वित्तवर्ष 2012-13 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होने और पूरे वर्ष केलिए वृद्धि दर 6 प्रतिशत के आस-पास रहने की संभावना है.
पीएमईएसी ने अगस्त में वित्तवर्ष 2012-13 के लिए आर्थिक परिदृश्य मेंदेश की आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. देश की आर्थिक वृद्धि दर पिछले दो लगातार वित्तवर्षों (2010-11, 2011-12) में 8 प्रतिशत से अधिक रही थी. वित्तवर्ष 2011-12 में यह घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई.
सी रंगराजन के अनुसार पहली तिमाही की तरह ही दूसरी तिमाही में भी आर्थिक विकास दर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है क्योंकि इस तिमाही में औद्योगिक उत्पादन में कोई विशेष सुधार नहीं हुआहै. अप्रैल से अगस्त 2012 में औद्योगिक उत्पादन 0.4 प्रतिशत घटा है,जबकि वित्तवर्ष 2011-12 की समान अवधि में यह 5.6 प्रतिशत बढ़ा था. वित्तवर्ष 2012-13 की दूसरी छमाही में बेहतर कृषि उत्पादन तथा औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेजी आने की संभावना है.
पीएमईएसी के अनुसार कोयला, बिजली, सड़क और रेलवे जैसे महत्त्वपूर्ण विनिर्माण क्षेत्रों की वृद्धि की गति तेजी से बढ़ेगी. मानसून उम्मीद सेकुछ बेहतर रहा है. ऐसे में जैसा अनुमानथा कृषि उत्पादन उससे कुछ बेहतर होने की उम्मीद है.
वित्त मंत्रालय को आशा है कि दिसंबर 2012 तक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश से 12 हजार से 13 हजार करोड़ रूपये प्राप्त कर लिए जाएंगे, जिससे वित्तवर्ष 2012-13 में राजकोषीय घाटे को 5.3 प्रतिशत के आस-पास लाने में मदद मिलेगी.
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