भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी अर्द्धवार्षिक ऋण नीति की घोषणा करते हुए 30 अक्टूबर 2012 को रेपो रेट को 8 प्रतिशत पर रखा, जबकि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 25 बेसिस अंक की कटौती की.
अब नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 0.25 प्रतिशत घटाकर 4.25 प्रतिशत हो गया है. सीआरआर चौथाई प्रतिशत घटने से बैंकिंग तंत्र में 17500 करोड़ रुपएकी नकदी आएगी.
आरबीआई ने थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.7 प्रतिशत कर दिया. इसके साथ ही उसने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर का पूर्वानुमान घटाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया, जिसे उसने पहले 6.5 प्रतिशत पर रखा था.
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर केंद्रीय बैंक शेष बैंकों को अल्पावधि ऋण के रूप में दी गई रकम पर ब्याज वसूल करता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर केंद्रीय बैंक शेष बैंकों को अल्पावधि ऋण के रूप में ली गई रकम पर ब्याज अदा किया करता है
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