Thursday, January 19, 2012

Khari-khoti,

शिक्षा विविध जन्करुयो का ढेर नहीं जो हमारे मष्तिस्क में ठूस दिया गया हो ओर जो आत्मसात हुए बिना वंहा जीवन भर पड़ा रह कर गड़बड़ मचाया करता है.
वास्तव में हमें तो उन विचारो की अनुभूति कर लेने की जरुरत है जो जीवन निर्माण तथा चरित्र निर्माण में सहायक है.............

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